सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगर

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगरों की खुदाई ने हमें प्राचीन भारत के इस अद्वितीय सभ्यता के बारे में बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की हैं। नीचे कुछ प्रमुख नगरों के साथ-साथ उन्हें किसने और कब खुदाई की, इस बारे में विवरण दिया गया है:

 

### 1. **मोहनजोदड़ो (Mohenjo-daro)**

 

**स्थान:** आधुनिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत में।

 

**खुदाई:**

– मोहनजोदड़ो की खुदाई 1922 में शुरू हुई थी।

– इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के प्रमुख आर. डी. बनर्जी (R. D. Banerji) ने खोजा।

– बाद में जॉन मार्शल (John Marshall), अर्नेस्ट मैके (Ernest Mackay), और स्टुअर्ट पिग्गट (Stuart Piggott) जैसे प्रमुख पुरातत्वविदों ने भी यहाँ खुदाई कार्य किया।

 

**विशेषताएँ:**

– यहाँ की प्रमुख संरचनाओं में “महान स्नानागार” और एक सुव्यवस्थित जल निकासी प्रणाली शामिल है।

 

### 2. **हड़प्पा (Harappa)**

 

**स्थान:** आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में।

 

**खुदाई:**

– हड़प्पा की खुदाई 1920 में दयाराम साहनी (Daya Ram Sahni) के नेतृत्व में की गई थी।

– यह स्थल भी जॉन मार्शल (John Marshall) की देखरेख में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत खोजा गया था।

 

**विशेषताएँ:**

– यहाँ से बड़ी संख्या में सिलबट्टे और चित्रलिपि मिली हैं।

– पक्के ईंटों के घर और अनाज भंडारण केंद्र यहाँ की प्रमुख संरचनाओं में शामिल हैं।

 

### 3. **लोथल (Lothal)**

 

**स्थान:** गुजरात राज्य में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– लोथल की खुदाई 1954-1963 के बीच एस. आर. राव (S. R. Rao) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– यहाँ पर एक प्राचीन गोदी (Dockyard) मिली है, जो समुद्री व्यापार का प्रमाण देती है।

– मोती, पत्थर और तांबे के गहनों के निर्माण के अवशेष भी यहाँ पाए गए हैं।

 

### 4. **कालीबंगा (Kalibangan)**

 

**स्थान:** राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– कालीबंगा की खुदाई 1950 के दशक में अमलानंद घोष (Amlanand Ghosh) और बाद में बी. बी. लाल (B. B. Lal) और बी. के. थापर (B. K. Thapar) के नेतृत्व में की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– यहाँ हल की जुताई के निशान और अन्न भंडारण की संरचनाएँ मिली हैं।

– आग्नेय कुल्हाड़ियों के साथ-साथ जल निकासी व्यवस्था भी यहाँ पाई गई है।

 

### 5. **धोलावीरा (Dholavira)**

 

**स्थान:** गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– धोलावीरा की खुदाई 1989-1990 में आर. एस. बिष्ट (R. S. Bisht) के नेतृत्व में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– यहाँ की प्रमुख विशेषता उन्नत जल संरक्षण प्रणाली है, जिसमें बड़े जलाशय और जल संचयन संरचनाएँ शामिल हैं।

– नगर की परिधि पर विशाल किलेबंदी और पक्के ईंटों के घर भी यहाँ पाए गए हैं।

 

सिंधु घाटी सभ्यता के इन नगरों की खुदाई ने प्राचीन भारत की उन्नत नगर योजना, संस्कृति, और व्यापारिक प्रणाली के बारे में अद्वितीय जानकारी दी है।

 

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख नगरों में मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल, कालीबंगा, और धोलावीरा के अलावा भी कई अन्य महत्वपूर्ण नगर शामिल हैं। इन नगरों की खुदाई ने इस सभ्यता की व्यापकता और विविधता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। यहाँ अन्य प्रमुख नगरों का वर्णन किया गया है:

 

### 6. **चन्हुदड़ो (Chanhudaro)**

 

**स्थान:** पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– चन्हुदड़ो की खुदाई 1931 में निखिल चक्रवर्ती (N. G. Majumdar) और बाद में अर्नेस्ट मैके (Ernest Mackay) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– चन्हुदड़ो एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र था।

– यहाँ से मोहरें (Seals), मनके (Beads), और अन्य वस्त्र उद्योग से संबंधित अवशेष मिले हैं।

– इस नगर में कोई किलेबंदी नहीं पाई गई, जो इसे अन्य नगरों से अलग बनाती है।

 

### 7. **राखीगढ़ी (Rakhigarhi)**

 

**स्थान:** हरियाणा राज्य के हिसार जिले में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– राखीगढ़ी की खुदाई 1997-2000 के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नेतृत्व में प्रोफेसर अमरेंद्र नाथ (Amarendra Nath) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल माना जाता है।

– यहाँ पक्के ईंटों के घर, जल निकासी प्रणाली, और सिलबट्टे मिले हैं।

– राखीगढ़ी में मानव कंकाल भी मिले हैं, जिससे इस सभ्यता के लोगों की जीवनशैली और सामाजिक संरचना के बारे में जानकारी मिलती है।

 

### 8. **सुरकोटदा (Surkotada)**

 

**स्थान:** गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– सुरकोटदा की खुदाई 1964 में जगतपति जोशी (J. P. Joshi) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– सुरकोटदा में एक किलेबंद बस्ती पाई गई है।

– यहाँ से घोड़ों की हड्डियाँ भी मिली हैं, जो यह संकेत देती हैं कि घोड़े इस सभ्यता में जाने जाते थे।

– इस स्थल से पक्के ईंटों के घर और अन्य संरचनाएँ भी मिली हैं।

 

### 9. **बनावली (Banawali)**

 

**स्थान:** हरियाणा राज्य के हिसार जिले में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– बनावली की खुदाई 1974 में आर. एस. बिष्ट (R. S. Bisht) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– बनावली की नगर योजना अन्य नगरों से थोड़ी भिन्न है; यहाँ गोलाकार और अर्धगोलाकार घर पाए गए हैं।

– इस स्थल से मिट्टी के बर्तन, चाक पर बने मृदभांड (Pottery), और कृषि के औजार मिले हैं।

– यहाँ अनाज भंडारण के लिए विशेष संरचनाएँ भी पाई गई हैं।

 

### 10. **सुत्कागेंडोर (Sutkagen Dor)**

 

**स्थान:** पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है।

 

**खुदाई:**

– सुत्कागेंडोर की खुदाई 1928 में आर. एस. बिष्ट (R. S. Bisht) द्वारा की गई थी।

 

**विशेषताएँ:**

– सुत्कागेंडोर सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पश्चिमी स्थल है और यह माना जाता है कि यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था।

– यहाँ से किलेबंदी, पानी के टैंक, और मकानों के अवशेष मिले हैं।

– इसकी भौगोलिक स्थिति इसे मकरान तट के पास एक महत्वपूर्ण बंदरगाह नगर बनाती है।

 

इन सभी नगरों की खुदाई ने सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जीवन के बारे में अधिक गहन जानकारी प्रदान की है। यह सभ्यता अपने समय की सबसे उन्नत और व्यवस्थित सभ्यताओं में से एक थी, जिसकी नगर योजना, जल निकासी प्रणाली, और व्यापारिक नेटवर्क अद्वितीय थे।